जो सरकारी होते हैं वे असरकारी नहीं होते जबकि असरकारी  असर  कारी होते हैं. क्योकि एक सीधा सूत्र सामने आया हैं, आपत्ति, विपत्ति, संपत्ति. संतुष्टि,सफलता. सबसे पहले किसी भी काम में आपत्ति लगाओ तो सामने वाले के पास विपत्ति आएगी तभी सम्पत्ति मिलेगीं और तभी संतुष्टि होती हैं यहीं हैं सफलता का सीधा सूत्र. यही हैं ला एंड आर्डर , लाओ और आदेश पाओ सीधा सूत्र. अन्ना जैसे हजारों आ जाये तो भी भ्रष्टाचार समाप्त नहीं होना हैं. हम कलि मुनड्डी वालों से कोई नहीं जीत सकता. एक नेशनल पार्क में जाना हुआ. उसके गेट पर  एक सुचना लिखी थी की एस परदे के पीछे एक खतरनाक जानवर हैं जब पर्दा हटाया गया तो वहां पर एक आइना लगा था जिसमे आपका अक्स आ गया . तो हर जानवर अपना अपना धर्मं निभाते हैं परन्तु मनुष्य एक ऐसाजानवर हैं जो सब जानवरों का  मिश्रण हैं. भ्रष्टाचार सुविधा शुल्क या शिष्टचार होता जा रहा हैं हम जितना नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं वह उतना दूर भागता जा रहा हैं.जिस प्रकार जन संख्या रोकने का प्रयास किया गया तो बढती जा  रही हैं और हम उसे कहे और बढाओ  तो रुक सकती हैं. हम लाचार होते जा रहें हैं.अब तो व्यवस्थाओ से डर लगता हैं. जब गंगोत्री ही अपवित्र ho गयी  तो गंगा कहाँ तक पवित्र होंगी.